Hindi Whatsapp Status
मेरी मौत की खबर उसे ना देना मेरे दोस्तो, घबराहट होती है कहीं पागल ना हो जाये वो इस खुशी में..
हम बदनसीब सही पर दिल के बुरे नहीं, तेरी वेफाई को भी ज़िन्दगी भर याद करंगे..
पुछते हैं वो मेरे पीने की क्या सीमा है.. उन्हे क्या पता मेरे लिवर का 2 करेाड का बीमा है..
वो वक्त गुजर गया जब मुझे तेरी मोहब्बत की आरझू थी, अब तू खुदा भी बन जाये तो में तेरा सजदा ना करू..
दो घडी जिक्र जो तेरा न हुआ, दो घडी हम पे कयामत गुज़री..
जमाने की नजर में अकड के चलना सीख ले ऐ दोस्त, मौम जैसा दिल लेके फिरोगे तो लोग जलाते रहेंगे..
कुछ हसरतें अधूरी ही रह जायें तो अच्छा है, पूरी हो जाने पर दिल खाली सा हो जाता है..
तेरी नाराज़गी वाजिब है दोस्त.. मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल..
जाने कब उतरेगा कर्ज उसकी मोहब्बत का, हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरता हूँ..
बाग में टहलते एक दिन जब वो बेनकाब हो गए, जितने पेड़ थे बबूल के सब के सब गुलाब हो गए..
कफन की गिरह खोल कर मेरा दीदार तो कर लो.. बन्द हो गई हैं वो आखें जिन से तुम शरमाया करती थी..
कुछ दोस्त सीधे सादे भी अच्छे नहीं लगते.. और कुछ कमीने जान से भी प्यारे होते हैं..
ज़िंदगी WhatsApp के Last Seen जैसी है, सबको अपनी छिपानी है दूसरो की देखनी है..
इंसान तब समझदार नहीं होता, जब वो बङी-बङी बातें करने लगे, बल्कि समझदार तब होता है, जब वो छोटी-छोटी बातें समझने लगे..
कतार में खड़े है खरीदने वाले.. शुक्र है मुस्कान नहीं बिकती..
तेरे गुस्से पर भी आज हमें प्यार आया है.. चलो कोई तो है, जिसने इतने हक से, हमें धमकाया है..
तुम मुझे जैसा सोचते हो वैसा में हु नहीं, जैसा में हु वैसे तुम सौच भी नहीं सकते..
तुमने मुझे छोङ दिया चलो कोई बात नहीँ लेकिन, जिसके लिए मुझे छोङा है, उसे कभी मत छोङना..
भरे बाजार मे हर एक लडकी जलेंगी, जब अपनी वाली अपने साथ चलेंगी..
ख़्वाहिशों के क़ाफ़िले बड़े अजीब होते हैं, ये गुज़रते वहीं से हैं जहाँ रास्ते नहीं होते..
सुना है कोई और भी चाहने लगा है तुमको, हमसे बढ कर अगर चाहे तो उसी की हो जाना..
हुस्न ना मांग नसीब मांग ए दोस्त, हुस्न वाले तो अक्सर नसीब वालों के गुलाम हुआ करते है..
हुआ अगर हम किसी के दिल में नहीं धड़कते, आँखों में तो बहुतों के खटकते हैं..
बुरा वक्त सब पर आता है, काेइ बिखर जाता है, ताे काेइ निखर जाता है..
उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था, भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं लगती..
हैरान हुए ना थे जो तस्सुवुर में भी कभी.. तसवीर हो गए है तेरी तसवीर देख् कर..
भले ही चले जाओ दूर हमसे, तेरी यादों को हमनें महफूज़ रखा है, लौटकर आओगे उम्मीद है दिल को, दरवाजा इस दिल का खुला रखा है..
तन्हाइयो मै बैठ कर, तुम सोचते हो क्या ; कुछ हमे भी बताओ, परेशान हम भी है..
झूठ अगर ये है की तुम मेरे हो, तो यकीन मानो सच मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता..
तेवर और जेवर सम्हाल के रखने की चीज़ है, यू बात बात में हर किसी को दिखाए नहीं जाते..
एक तुम हो जो रोज संवरते हो किसी और के नाम से एक हम है, कि रोज बिखर जाते है तुम्हारे नाम से..
बेक़सूर कौन होता हैं इस ज़माने में.. बस सबके गुनाह पता नहीं चलते..
कभी कभी पता ही नहीं लगता की दाँव पर क्या लगा है, हारने के बाद अहसास होता है कि बहुत कुछ हार गए हैं..
हम उसकी याद में इतनी दूर निकल आये सर्दी में, कि रिक्शा वाला वापसी के १०० मांग रहा है..
अंग्रेजी की किताब बन गयी हो तुम, पसंद तो बहुत आती हो पर समझ नही आती हो..
बोलने से पहले शब्द इंसान के गुलाम होते हैं... लेकिन बोलने के बाद इंसान शब्दों का गुलाम बन जाता हैं..
सुना है कोई और भी चाहने लगा है तुमको, हमसे बढ कर अगर चाहे तो उसी की हो जाना..
अपनी खुद की गलतियों पर हसना, आपकी उम्र बढा सकता हॆ, अपनी बीवी की गलतियों पर हसना, आपकी उम्र घटा भी सकता हॆ..
पुराने आशिक वफा तलाश करते थै, आज के आशिक जगह तलाश करते है..
आज सोचा ज़िन्दा हूँ, तो घूम लूँ, मरने के बाद तो भटकना ही है..
प्यार ऐसे करो के दूसरा आप को छोड़ने के बाद ज़िन्दगी भर कहे... प्यार तो बस वही करता था..
खता इतनी थी कि उनको पाने की कोशिश की, अगर छिनने की कोशिश करत तो बेशक वो हमारे होते..
इन्सान कम थे क्या, जो अब मौसम भी धोखा देने लगे..
कुछ दोस्त सीध़े सादे भी अच्छे नहीं लगते और, कुछ कमीने जान से भी प्यारे होते हैं..
मन्दिर मस्जिद सी थी मोहब्बत मेरी, बेपनाह इबादत थी फिर भी एक न हो सके..
बात उन्हीं की होती है, जिनमें कोई बात होती है.
खिलौनों से मरहूम तो न रहा, बचपन उसका, फिर क्यों आजकल, वो मेरे दिल से खेलते है..
सफ़र का लुत्फ़ लेना है तो सामान कम रखिये.. और जिंदगी का लुत्फ लेना है तो दिल मैं अरमान कम रखिये..
उसका रुप भले ही लाखो मे एक हो, पर मेरा कमिनापन करोडो मे एक है..
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो कि, वो धोखा दे कर भी सोचे के, वापस जाऊतो किस मुंह से जाऊ..
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा, चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना..
तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये.. मै किससे पूछूँ मेरी खता क्या है..
वक्त ही नहीं मिलता दु:खी होने का.. क्योंकि उम्मीद ही नहीं करता मैं ज्यादा खुशी की..
कह दो किस्मत से न हम उसको पुकारेंगे कभी.. हम न हारे थे न हारे हैं न हारेंगे कभी..
आज कल की दुनिया में सच्चा दोस्त मिलना बहोत ही मुश्किल है, मैं खुद हैरान हूँ कि तुम लोगों ने मुझे ढूढ़ कैसे लिया.
किस बात पे रूठा है पता चले तो मनाऊं उसे, वो रूठ तो जाता है लेकिन शिकायत नहीं करता..
ग़ुस्सा तो बहुत आया जब वो कमीनी बोली Just go to hell.. लेकिन उसकी Friend को देख के दिल् बोला All is well..
हम तुम्हें मुफ़्त में जो मिले हैं, क़दर ना करना हक़ है तुम्हारा..
कही आदत ना हो जाये जिंदगी की सो.. रोज़ रोज़ थोड़ा थोड़ा मरते है हम..
ना जाने इस ज़िद का नतीज़ा क्या होगा.. समझता दिल भी नहीँ वो भी नहीँ मैँ भी नहीँ..
कुछ लौग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पुँछते.. कि यै पागल दिवाना फिर कोई शैर न सुना देँ..
दुनिया में तो और भी होंगे तेरे जैसे, हम तुझे चाहते हैं, तेरे जैसो को नहीं..
रखते हो शौक तो आओ मैदान मे, कुछ हमने गवाया है कुछ तुम भी गवां लो..
हम से खेलती रही दुनिया ताश के पत्तो की तरह, जिसने जीता उसने भी फेका जिसने हारा उसने भी फेका..
अगर खुदा नहीं हे तो उसका ज़िक्र क्यों.. और अगर खुदा हे तो फिर फिक्र क्यों..
तेरी मेरी जोड़ी ना मिलेगी छोरी, क्यूंकि जिस attitude की तु बात करती है, उससे ज्यादा वजनदार तो हम जूते पहनते हैं..
प्रत्येक अंत एक नए आरंभ को जन्म देता है..
ख़ुदा तूने तो लाखों की तकदीर संवारी है, मुझे दिलासा तो दे, के अबके मेरी बारी है..
मैं वक़्त बन जाऊँ तू बन जाना लम्हा, मैं तुममे गुज़र जाऊँ तुम मुझमें गुज़र जाना..
कुछ अमल भी ज़रूरी है इबादत के लिए.. सिर्फ सजदा करने से, किसी को जन्नत नहीं मिलती..
हुस्न ना मांग नसीब मांग ए दोस्त, हुस्न वाले तो अक्सर नसीब वालों के गुलाम हुआ करते है..
शिकवा तो बहुत है मगर शिकायत नही कर सकता, मेरे होंठों को इजाजत नहीं तेरे खिलाफ बोलने की..
अपनी जिंदगी के अलग असूल है, यार की खातिर तो कांटे भी कबूल है..
दान करना ही है तो भूखे को रोटी दान कर ऐ इन्सान, कब तक मंदिर मस्जिद को करोड़पति बनाता रहेगा
सपने अपलोड तो तुरंत हो जाते है, डाऊनलोड करने मे जिंदगी निकल जाती है..
कभी भूल के भी मत जाना मुहब्बत के जंगल मे, यहाँ सांप नहीँ हम सफर डसा करते है..
जहर के असरदार होने से कुछ नही होता साहेब, खुदा भी राजी होना चाहिए मौत देने के लिये..
गुजरी हुई जिंदगी को कभी याद न कर, तकदीर मे जो लिखा है उसकी फर्याद न कर..
अपनी ज़ुबान की ताक़त उन'माँ-बाप पर कभी मत आजमाओ, जिन्होंने तुम्हे बोलना सिखाया है..
तुम ये मत समझना के मुझे कोई और नहीं चाहता, मौत तो तुमसे पहेले ही हमसफ़र बन बैठी है..
पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता..
कह दो किस्मत से न हम उसको पुकारेंगे कभी, हम न हारे थे, न हारे हैं, न हारेंगे कभी..
रिश्तो की जमावट आज कुछ इस तरह हो रही है, बहार से अच्छी सजावट और अन्दर से स्वार्थ की मिलावट हो रही है..
बस एक शख्स मेरे दिल की जिद है, ना उससे ज्यादा चाहिए ना कोई और चाहिए।
आसान नही है हमसे यूँ शायिरयों में जीत पाना, हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते हैं..
अपनी ज़ुबान की ताक़त उन 'माँ-बाप' पर कभी मत आजमाओ.. जिन्होंने तुम्हे बोलना सिखाया है..
तुम्हारे बाद, मैं जिस का हो गया पगली, उसी का नाम तन्हाई हैं..
सरमा कर मत छुपा चहरे को पर्दे में, हम चेहरे के नहीं, तेरी आवाज के दीवाने है..
कही आदत ना हो जाये जिंदगी की सो, रोज़ रोज़ थोड़ा थोड़ा मरते है हम..
उनकी बातों मैं प्यार के तेवर कम थे.. जब आँखों में झाँका तो हम ही हम थे..
आदतें अलग हैं, मेरी दुनिया वालों से, कम दोस्त रखता हूँ, पर लाजवाब रखता हूँ..
सुना है तुम ले लेती हो हर बात का बदला.. आजमाएंगे कभी तुम्हारे होठो को चूम कर..
इन्सान कहेता हे की पैसा आये तो में कुछ करके दिखाऊ, और पैसा कहेता हे की तू कुछ करके दिखा तो में आऊ..
मेरी ज़िन्दगी के तालिबान हो तुम, बेमक़सद तबाही मचा रखी है..
खुदा करे के सारी उम्र हमें मंजिल ना मिले, बड़ी मुश्किल से मनाया है उसे साथ चलने को..
ना कर जिद अपनी हद में रह ए दिल, वो बड़े लोग हैं अपनी मर्ज़ी से याद करते है..
काश वो आये और देखकर ये कहे मुझसे.. हम मर गये है क्या जो इतने उदास रहते हो..
हम तो बेज़ान चीज़ों से भी वफ़ा करते हैं, तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है..
जहर के असरदार होने से कुछ नही होता साहेब, खुदा भी राजी होना चाहिए मौत देने के लिये..